From: ABC
To: Rachit
Date: December 3, 2020, 11:10 am
ये हवाये हमसे मिलकर वापिस भी लौट गयी है| तुम खम्बख्त भला किस खेत की मूली हो जो हमे एक बार देखने तक नहीं आयी?